aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "luTe"
वही मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ीमिरे काम कुछ न आया ये कमाल-ए-नै-नवाज़ी
जाँ क्यूँ निकलने लगती है तन से दम-ए-समागर वो सदा समाई है चंग ओ रबाब में
सुनाओ दर्द-ए-दिल अपना तो दम-ब-दम फ़रियादमिसाल-ए-नय मिरी हर एक उस्तुख़्वाँ से सुनो
यही आहों के तारों में सदा हैकि बार-ए-ग़म सीं ख़म ज्यूँ चंग हो जा
ख़त-ए-नौ-ख़ेज़ नील-ए-चश्म ज़ख़्म-ए-साफ़ी-ए-आरिज़लिया आईना ने हिर्ज़-ए-पर-ए-तूती ब-चंग आख़िर
जिसे नग़्मा-ए-नय समझती है दुनियाउसे भी हम अपनी सदा जानते हैं
रबाब-ए-अम्न-ओ-सुकूँ के हसीन तारों मेंशिकस्त-ए-दिल के तराने तलाश करते हैं
गिर्या-ए-नीम-शब ओ आह-ए-सहर-गाही कोचंग ओ बरबत पे नचाते हुए तुरकाना चलें
बात तो जब है शोले निकलें बरबत-ए-दिल के तारों सेशोर नहीं नग़्मे पैदा हों तेग़ों की झंकारों से
वाइज़ से डर गए कि न शामिल हुए हम आजतर्तीब-ए-महफ़िल-ए-मय-ओ-चंग-ओ-रबाब में
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