aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "pant"
क्या पहनता बदन कफ़न के बादख़ाक है सब ये पैरहन के बाद
नौजवाँ लोग पजामे को बुरा कहते हैंपैंट फट जाए तो क़िस्मत का लिखा कहते हैं
पाँव बहुत लम्बे थे उस केओढ़ के दिन चादर बैठा था
धूप से तपते सफ़र में छाँव की बातें भलीपनघटों पर छपछपाते पाँव की बातें भली
पैरहन अद्ल का पहन आईकौन मज़लूम है जफ़ा क्या है
ख़ाक पैरों तले वही लेकिनसाँस लेते हैं और आलम में
कटा-फटा ही सही है ये पैरहन सच कानए लिबास से कपड़ा नहीं बदलते हम
अकड़ में जो पहने फिर रहा हैअनानियत का ग़िलाफ़ सा है
पैर में तुम्हारे ये जूतियाँ भी डालेंगेसब्र थोड़ा सा कर लो इंतिख़ाब आएगा
रूह की प्यास बुझाए न बुझेगी किसी ढंगमुझ को इस दश्त की पहनाई में उगना ही न था
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