aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "qaisar"
न ईराँ में रहे बाक़ी न तूराँ में रहे बाक़ीवो बंदे फ़क़्र था जिन का हलाक-ए-क़ैसर-ओ-किसरा
मोहब्बत ख़ेशतन बीनी मोहब्बत ख़ेशतन दारीमोहब्बत आस्तान-ए-क़ैसर-ओ-किसरा से बे-परवा
हो चुकी सैर-ए-बहाराँ-कदा-ए-क़ैसर-बाग़बाग़-ए-लारेंस में भी फूल खिला दे आ कर
किस के चमके चाँद से रुख़्सार क़ैसर-बाग़ मेंचाँदनी है साया-ए-दीवार क़ैसर-बाग़ में
इतने पत्ते भी न होंगे गुलशन-ए-फ़िरदौस मेंजिस क़दर फूलों के हैं अम्बार क़ैसर-बाग़ में
क़तरे शबनम के रग-ए-गुल पर दिखाते हैं बहारगुँध रहे हैं मोतियों के हार क़ैसर-बाग़ में
साया-ए-बाल-ए-हुमा क्या ढूँढता है ऐ 'अमीर'बैठ ज़ेर-ए-साया-ए-दीवार क़ैसर-बाग़ में
तिश्नगान-ए-शौक़ हैं शीरीं-लबों के मेहमाँबट रहा है शर्बत-ए-दीदार क़ैसर-बाग़ में
मौसम-ए-गुल में यहीं जोश-ए-जुनूँ की है बहाररंग ला कर आएँगे सौ बार क़ैसर-बाग़ में
देख कर रंगीं तिरा रुख़्सार क़ैसर-बाग़ मेंगुल से बुलबुल हो गए बेज़ार क़ैसर-बाग़ में
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