aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "جاں_نثار"
जाँ निसार अख़्तर
1914 - 1976
शायर
जाँनिसार आलम
संपादक
सैय्यद जान निसार हुसैन अख़्तर
निसार औरंगाबादी
died.1797
आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम होसाया कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो
वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगेहम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
हुस्न पर जाँ-निसार करता हूँशम्अ'-रूओं को प्यार करता हूँ
इश्क़ के जाँ-निसार जीते हैंब'अद मरने के यार जीते हैं
हुस्न पर जाँ निसार करता हूँशम्अ'-रूओं को प्यार करता हूँ
शायरी में महबूब माँ भी है। माँ से मोहब्बत का ये पाक जज़्बा जितने पुर-असर तरीक़े से ग़ज़लों में बरता गया इतना किसी और सिन्फ़ में नहीं। हम ऐसे कुछ मुंतख़ब अशआर आप तक पहुँचा रहे हैं जो माँ को मौज़ू बनाते हैं। माँ के प्यार, उस की मोहब्बत और शफ़क़त को और अपने बच्चों के लिए उस प्यार को वाज़ेह करते हैं। ये अशआर जज़्बे की जिस शिद्दत और एहसास की जिस गहराई से कहे गए हैं इस से मुतअस्सिर हुए बग़ैर आप नहीं रह सकते। इन अशआर को पढ़िए और माँ से मोहब्बत करने वालों के दर्मियान शेयर कीजिए।
महत्वपूर्ण आधुनिक शायर और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिध्द
अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार, ' फ़िल्म उमराव जान', के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित।
जाँ-निसारجاں نثار
devoted, fervent
Kulliyat-e-Jaan Nisar Akhtar
कुल्लियात
जाँ निसार अख़्तर की शायरी
अमर देहलवी
संकलन
Ghar Aangan
रुबाई
ज़ेर-ए-लब
सफ़िया अख़्तर
इतिहास एवं समीक्षा
Khamosh Awaz
पत्र
Khak-e-Dil
काव्य संग्रह
Jan Nisar Akhtar
Janisar Akhtar : Shair-e-Jadeed
इसलाम इशरत
शायरी तन्क़ीद
Salasil
तार-ए-गरेबाँ
जां निसार अख़्तर :हयात-ओ-फ़न
किशवर सुलतान
शोध
पिछले पहर
Hazaron Baten
नहीं ज़रूर कि मर जाएँ जाँ-निसार तेरेयही है मौत कि जीना हराम हो जाए
ज़िंदगी का भी एक मक़्सद हैहर जगह जाँ निसार मत करना
उन के इक जाँ-निसार हम भी हैंहैं जहाँ सौ हज़ार हम भी हैं
अशआ'र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैंकुछ शेर फ़क़त उन को सुनाने के लिए हैं
जितने थे जाँ-निसार वो सब हो गए निसाररौनक़ ही रौनक़ आप की महफ़िल में रह गई
میں بہت ذمے داری کے ساتھ یہ بات عرض کرتا ہوں کہ اردو ادب کی تاریخ میں بجز جاں نثار اخترکسی اور شاعر یا فنکار کے حصے میں اس قدر طویل اور قدیم خاندانی روایت و ورثہ نہیں آیا۔بلکہ خود پدری علمی وراثت کے ساتھ ساتھ سسرالی وارثت بھی بہ...
हम अपना दिल ही नहीं जाँ निसार करते हैंकिसी की ज़ात पे जब ए'तिबार करते हैं
चाहत अगर है आप की हो जाँ-निसार दोस्तहोना पड़ेगा आप को भी ग़म-गुसार दोस्त
ये इल्म का सौदा ये रिसाले ये किताबेंइक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
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