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नज़्म
ख़ूब-सूरत मोड़
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जल्वे पराए हैं
मिरे हमराह भी रुस्वाइयाँ हैं मेरे माज़ी की
साहिर लुधियानवी
नज़्म
शिकवा
नग़्मे बेताब हैं तारों से निकलने के लिए
तूर मुज़्तर है उसी आग में जलने के लिए
अल्लामा इक़बाल
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रेख़्ता शब्दकोश
al jaa.uu.n bal jaa.uu.n jalve ke vaqt Tal jaa.uu.n
अल जाऊँ बल जाऊँ जल्वे के वक़्त टल जाऊँاَل جاؤُں بَل جاؤُں جَلوے کے وَقْت ٹَل جاؤُں
(लफ़ज़न) सदक़े हो जाऊं क़ुर्बान हो जाऊं लेकिन रूनुमाई के वक़्त (जब कि कुछ देना पड़ता है) मौक़ा से हिट जाऊं, (मुरादन) ज़बानी मुहब्बत जताते हैं मगर वक़्त पर काम नहीं आते
hirii phirii bal ga.ii jalve ke vaqt Tal ga.ii
हिरी फिरी बल गई, जलवे के वक़्त टल गईہِری پِھری بَل گَئی، جَلوے کے وَقت ٹَل گَئی
प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है
al ga.ii, bal ga.ii jalve ke vaqt Tal ga.ii
अल गई, बल गई, जलवे के वक़्त टल गईاَل گئی، بَل گَئی، جَلوے کے وَقت ٹَل گَئی
harii phirii hil ga.ii, jalve ke vaqt Tal ga.ii
हरी फिरी हिल गई, जल्वे के वक्त टल गईہری پھری ہل گئی، جلوے کے وقت ٹل گئی
اس کے متعلق کہتے ہیں جو وقت پر ٹل جائے اور ویسے ہر وقت ساتھ رہے
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कहानी
सआदत हसन मंटो
ग़ज़ल
इज्ज़-ए-गुनाह के दम तक हैं इस्मत-ए-कामिल के जल्वे
पस्ती है तो बुलंदी है राज़-ए-बुलंदी पस्ती है
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
तेरी महफ़िल तेरे जल्वे फिर तक़ाज़ा क्या ज़रूर
ले उठा जाता हूँ ज़ालिम ले चला जाता हूँ मैं
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
जब तिरे शहर से गुज़रता हूँ
तुझ से रौशन है काएनात मिरी
तेरे जल्वे हैं चार-सू अब भी