aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "نخرے"
तू तो फिर अपनी जान है तेरा तो ज़िक्र क्याहम तेरे दोस्तों के भी नख़रे उठाएँगे
“देखो मेरी कमर में बड़ा दर्द हो रहा है... मैं पलंग पर लेटती हूँ, तुम ज़रा पांव से दबा देना... अच्छे भाई जो हुए। अल्लाह की क़सम बड़ा दर्द हो रहा है।” ये कह कर मसऊद की बहन ने अपनी कमर पर मुक्कियां मारना शुरू करदीं। “ये आप की कमर...
फ़र्ख़ंदा अपनी माँ के पास तख़्त पर बैठ गई और उसके हाथ से सरोता ले कर छालिया काटने लगी। “लेकिन अम्मी जान, हम दोनों तो क़सम खा चुकी हैं कि सारी उम्र सहेलियां रहेंगी... इंसान को अपने वा’दे से कभी फिरना नहीं चाहिए।” बेगम साहिबा उसूल की पक्की थीं इसलिए...
मैं उससे पेश्तर कह चुका हूँ कि मंटो अव़्वल दर्जे का फ़राड है। इस का मज़ीद सबूत ये है कि वो अक्सर कहा करता है कि वो अफ़साना नहीं सोचता ख़ुद अफ़साना उसे सोचता है। ये भी एक फ़राड है हालाँकि मैं जानता हूँ कि जब उसे अफ़साना लिखना होता...
नख़रे उठा रही हूँ तुम्हारी तलाश केरुकती नहीं हूँ रास्ता वीरान देख कर
निरेنِرے
pure
नख़रेنَخْرے
नख़रा का बहु. तथा लघु., चाल, फ़रेब, चोचला, चुलबुलापन, चंचलता، नाज़, अदा, ग़रूर
ना'रेنَعرے
नारा का बहु.,
नख़रे करनाنَخْرے کَرنا
ناز و ادا دکھانا ، اِترانا ، بہانے کرنا ، حیلے کرنا ۔
Nazre Khush Guzre
अनीस क़िदवाई
तज़्किरा/संस्मरण/जीवनी
Asr-e-Hazir Ke Pur-Fareb Nare
मोहम्मद रफ़अत
Lugai Ka Nakhra
हज़रत अज़हर
आप कर्नल साहब के हाँ जाएं तो एक छोटे, साफ़-सुथरे कमरे में कई शीशे की अलमारियों में आपको विस्की की ख़ाली बोतलें सजी हुई नज़र आयेंगी। पुराने से पुराने ब्रांड की विस्की की ख़ाली बोतल भी आपको उनके इस नादिर मजमुए में मिल जाएगी। जिस तरह लोगों को टिकट और...
शौकत ने फ़ातिहाना नज़रों से नूर जहाँ को देखा जो पलंग पर चादर से ख़ुद को अच्छी तरह ढाँप रही थी, "बस कच्चे धागे से बंधी आई हैं।" मालूम नहीं वो कच्चे धागे से बंधी आई थी या पक्के धागे से बंधी आई थी। पर मैं इतना ज़रूर कह...
चौदह बरस की सनोबर जिसने हशमत मियाँ का मुँह देखकर जानो मलक-उल-मौत का ही मुँह देख लिया साल के अंदर गाभन हो गई। फीकी कसैली मरघिल्ली सी बच्ची सारा दिन मुँह औंधे पड़ी उबकाईयां लिया करती। अल्लाह लोगों के कैसे कैसे नाज़ नख़रे होते हैं। मैके ससुराल वाले सदक़े वारी...
ये सुनना था कि मौलवी साहब का पारा फिर बढ़ गया। कहने लगे, “ओहो, अभी दिमाग़ दुरुस्त नहीं हुआ। ज़रा कुंदी किए देता हूँ। सारे नख़रे नाक के रस्ते निकल जाऐंगे।” ये पूरी तरह कुछ अमली कार्रवाई करने को उठे भी न थे कि बीवी ने शोर मचाना शुरू कर...
स्टेशन मास्टर को, जो हमारे तहाइफ़ से ज़ेर-ए-बार रहता था, इत्तिला दी कि हमारे ख़ास मेहमान आने वाले हैं और मुसाफ़िरख़ाने के पूरे कमरे पर क़ब्ज़ा जमा' लिया। गाड़ी वक़्त पर आई, लेकिन ऐसी ख़ुशी हुई जैसे कई दिन के इंतिज़ार के बा'द आई हो। फ़र्स्ट क्लास के दरवाज़े में...
अब अपनी आरज़ू से न हम को दबाएँगेअब लड़कियों के नख़रे क्रेनें उठाएँगे
خاندانی حشمت کی یادگارکچھ باقی تھی تووہ ان رقعوں اورہنڈیوں کاایک پلندا تھا جن کی سیاہی بھی حرفِ باطل کی طرح مٹ چکی تھی۔ پنڈت دیودت جی اس پلندے کی بہت اہتمام کے ساتھ پرستش کرتے۔ لکشمی نہ سہی لکشمی کی یادگارتوسہی۔ دوج کا دن ان کی ثروت کے شرادھ...
सबसे पहले अनाउंसर ने लॉन के दरमयान खड़े हो कर एक ज़ोरदार घंटी बजाई। तीन बार ऐसी घंटी का सुनकर लोग-बाग जौक़-दर-जौक़ क्लब के मुख़्तलिफ़ कमरों से निकल कर बाहर लॉन में आने लगे। लॉन में एक किनारे आधे दायरे की शक्ल में सोफ़े और कुर्सियाँ बिछा दी गई थीं,...
अदाकारों के नख़रे लोग उठाएँहमें तो बस तमाशा देखना है
بادل کیوں نہیں آتے؟ اور زندگی وبال ہے۔ وبال، وبال۔ لمبے لمبے، کالے کالے بال۔ ایک فضول کی لادی لدی ہوئی ہے۔ آخر ہم بھی مردوں کی طرح کیوں نہیں کٹواسکتے؟ چھوٹے چھوٹے بالوں سے سر کیسا ہلکا معلوم ہوتا ہوگا۔ خدا بخشے ابا جان کے تو خشخاشی تھے۔ ایک...
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