आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "یورش_برق_و_شرر"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "یورش_برق_و_شرر"
ग़ज़ल
यूँ बदलती है कहीं बर्क़-ओ-शरर की सूरत
क़ाबिल-ए-दीद हुई है गुल-ए-तर की सूरत
अख़्तर अंसारी अकबराबादी
शेर
शबाब-ए-हुस्न है बर्क़-ओ-शरर की मंज़िल है
ये आज़माइश-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र की मंज़िल है
ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "یورش_برق_و_شرر"
अन्य परिणाम "یورش_برق_و_شرر"
ग़ज़ल
शबाब-ए-हुस्न है बर्क़-ओ-शरर की मंज़िल है
ये आज़माइश-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र की मंज़िल है
ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ
ग़ज़ल
नज़र पड़ जाए पत्थर पर तो हो बर्क़-ओ-शरर पैदा
मगर होता है मुश्किल से बशर में ये हुनर पैदा
अब्दुल मजीद मंज़र मुर्तज़ापुरी
ग़ज़ल
घर अपना वादी-ए-बर्क़-ओ-शरर में रक्खा जाए
तअ'ल्लुक़ात का सौदा न सर में रक्खा जाए
अमानुल्लाह ख़ालिद
अप्रचलित ग़ज़लें
نہیں برق و شرر جز وحشت و ضبط تپیدن ہا
بلا گردان بے پروا خرامی ہاے یار آتش