aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "चमचा"
चाचा बुक डिपो हब्श ख़ाँ, दिल्ली
पर्काशक
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनामवो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
लड़की सर को झुकाए बैठीकाफ़ी के प्याले में चमचा हिला रही है
(पेशानी पर पसीने की बूँदें नज़र आने लगती हैं। चेहरे पर मुर्दनी छा जाती है। शेफ़्ता जल्दी से उठकर शर्बत-ए-अनार का चमचा हलक़ में टपकाते हैं। रूह परवाज़ कर जाती है। सब लोगों पर सुकूत तारी होजाता है। नौकर आँखें और मुँह बंद करके चादर उढ़ा देता है।) ...
हमारा दोस्त तुफ़ैली भी है बड़ा शाएरअगरचे एक बड़े आदमी का चमचा है
बढ़ने की तमन्ना हो तो मुझ जैसे बनो तुमकहने लगा साहब का ये चमचा मिरे आगे
चमचाچمچہ
spoon, hanger-on
अशरफ़ चाचा की चौदा कहानियाँ
चाैधरी वहाज अहमद अशरफ़
कहानी
शीदां उठ कर तेज़ क़दमों से अंदर चली जाती है। निज़ामी कराहती हुई नूर जहाँ को पुचकारता है, फिर सेठ व्यास से मुख़ातिब होता है, "भाई जान! वो, वो तकलीफ़ है। वही जो औरतों को हुआ करती है।" सेठ व्यास ख़ामोश रहता है। मैं भी दम-ब-ख़ुद हूँ। निज़ामी एक...
लिहाज़ा जब वो मेरे कप में शक्कर डालते वक़्त अख़लाक़न पूछते हैं, एक चमचा (ये एक लफ़्ज़ नहीं पढ़ा जा रहा)...
“अच्छा!”, लड़की ने दवा की शीशी और चमचा उसे दिया। चमचा नौजवान के हाथ से छूट कर फ़र्श पर गिर गया, उसने झुक कर चमचा उठाया और अपने कमरे की तरफ़ चला गया, लड़की रौशनी बुझा कर सो गई।...
कीकू की माँ के लबों पर तबस्सुम नहीं रहा। सिर्फ़ उसका साया रह गया। हल्की सी सुर्ख़ी से इसका रंग सपेदी और सपेदी से ज़र्दी और स्याही माइल हो गया और वो हैरत से क्लॉक की टिक-टिक को सुनने लगी। दर्शी के लिए वो मामूली टिक-टिक हथौड़े की ज़र्बों से...
चमचा-चमचा उठाया हाँ हाँ भाई हैया-हैया...
प्याली में है चमचा उल्टाफेर रहे हैं कंघया उल्टा
घरों के इ’लावा बा’ज़ बाज़ार के दुकानदारों ने किसी एक चीज़ में ऐसा नाम पाया कि आज तक उनकी मिसाल दी जाती है, मसलन घंटे वाला हलवाई, चिड़िया वाला कबाबी, सरकी वालों का खीेर वाला, पाए वालों के चचा कबाबी, क़ाबिल अत्तार के कूचे का हल्वा सोहन वाला, शाहगंज का...
तक़सीम से पहले अनार कली में एक कैलाश होटल हुआ करता था। उस में बार भी थी मुक़द्दमात के सिलसिले में जब लाहौर आता तो चौधरी नज़ीर के साथ उस होटल में दो तीन महफ़िलें ज़रूर जमती थीं जिनमें बारी साहब को शरीक होने पर मजबूर किया जाता था। हम...
शीला ने हैरत से ग़ुस्ल-ख़ाने में इधर-उधर नज़र दौड़ाई तो देखा कि परी अपना एक ख़ूबसूरत दस्ताना अलगनी पर भूल गई है। दस्ताना प्यारा था। उसे देखते ही शीला के मुँह से मारे ख़ुशी के एक चीख़ निकल गई। उसने दौड़ कर उसे पहन लिया। दस्ताना पहनते ही वो एक...
चीज़ मिलती है ज़र्फ़ की हद तकअपना चमचा बड़ा करे कोई
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