aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "छुएगा"
“उसके रुपये कौन छुएगा। न जाने घर पर क्या आफ़त आए।” “उसके रुपये कोई हज़म थोड़े ही किए लेता है, चलो मैं दे दूँ।”...
“पहले रोज़ जब कन्या को अपने रजस्वला होने का पता चलता है, वो किसी न किसी तरह फ़ौरन माँ तक ये ख़बर पहुँचा देती है। तीन दिन तक उसे हल्दी के पानी में रंगी हुई धोती पहन कर एक अलग कमरे में बैठना होता है। कोई उसे छुएगा नहीं। उसकी...
तू मिरी मौत की तस्दीक़ नहीं कर सकताछुएगा तो मुझे और दिल मिरा हरकत करेगा
छुएगीइस अन-छुए ख़ला को
आ गया है जो किसी सुख का ख़यालमुझ को छूएगा तो मर जाएगा
छुएगाچھوئے گا
will touch
मैं जानता हूँ तिरी रूह की तलब जानाँतुझे बदन की तरफ़ से नहीं छुऊँगा मैं
इस क़दर मुझ से तकल्लुफ़ की ज़रूरत क्या हैमैं अगर तुझ को छुऊँगा तो इजाज़त ले कर
“देखो”, ग्रंथी जी ने बड़े दबदबे से कहा…, “कल से ये लड़का खालसे की सी पगड़ी बाँधेगा, कड़ा पहनेगा, धर्मशाला आएगा और उसे प्रशाद खिलाया जाएगा। इसके केसों को क़ैंची नहीं छुएगी। छू गई तो कल ही से ये घर ख़ाली कर दो समझे?” “जी”, परमेशर सिंह ने आहिस्ता से...
छुएगी इस तरह जैसे तुम्हारा लम्स पाती होतुम आतिश-दान के आगे सिमट कर बैठ जाओगे
रक़्स-ए-फ़ुर्क़त मैं करूँगा तो किए जाऊँगाअब्र वहशत का जो छाएगा तो छा जाएगा
छोटी छोटी ख़्वाहिशों का क़त्ल होते देख करउम्र का एहसास रुख़ पर गर्द बन के छाएगा
अब्र छाएगा तो बरसात भी हो जाएगीदीद होगी तो मुलाक़ात भी हो जाएगी
शाम होते ही दिमाग़ों पे जुनूँ छाएगाकोई अफ़्वाह उड़ा देंगे तिरे शहर के लोग
उस दिन से बीबी ने बड़ी नाव को अपना और प्रिया का ठिकाना बना लिया है। ख़ुद बीबी कभी-कभी दूसरी बस्तियों की तरफ़ निकल जाती है लेकिन प्रिया को उसने आज तक ज़मीन पर नहीं आने दिया है। वो अपनी कश्ती पर झील में घूमती रहती है, या फिर बड़ी...
उठा कर एक बार उन को लगा लो अपने होंटों सेछुएँगी आसमाँ को क़ीमतें उन आबगीनों की
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