आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तर्ज़-ए-जफ़ा"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "तर्ज़-ए-जफ़ा"
ग़ज़ल
उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है
हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है
चकबस्त बृज नारायण
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "तर्ज़-ए-जफ़ा"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "तर्ज़-ए-जफ़ा"
ग़ज़ल
शुक्रिया तेरी नवाज़िश का मगर क्या कहिए
ये नवाज़िश भी तो इक तर्ज़-ए-जफ़ा लगती है
नाज़िम सुल्तानपूरी
ग़ज़ल
यार को तर्ज़-ए-जफ़ा से नहीं रखने का बाज़
नासेहा हर घड़ी मुझ को ही तो समझावेगा