आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर"
ग़ज़ल
माज़ी में जो मज़ा मिरी शाम-ओ-सहर में था
अब वो फ़क़त तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर में है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर"
ग़ज़ल
ख़ुद ख़त्म कर के क़िस्सा-ए-शाम-ओ-सहर को मैं
ये भी पता नहीं कि चला हूँ किधर को मैं
डॉ. फ़ौक़ करीमी
ग़ज़ल
गो मुब्तला-ए-गर्दिश-ए-शाम-ओ-सहर हूँ मैं
फिर भी दयार-ए-इश्क़ में चीज़-ए-दिगर हूँ मैं
ज़ाहिद चौधरी
ग़ज़ल
हज़ार गर्दिश-ए-शाम-ओ-सहर से गुज़रे हैं
वो क़ाफ़िले जो तिरी रहगुज़र से गुज़रे हैं