aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "दर-ओ-दीवार"
ज़िंदगी भर दर-ओ-दीवार सजाए जाएँतब कहीं जा के मकीनों पे मकाँ खुलते हैं
खिड़कियाँ सूनी दर-ओ-दीवार चुपसारी गलियाँ और भरे बाज़ार चुप
दर-ओ-दीवार सब औंधे गिरेंगेपुराने घर हमें रोते रहेंगे
क़ब्र-ए-दर-ओ-दीवार से आगे निकलेहर साबित-ओ-सय्यार से आगे निकले
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैंआँख खुलने पे भी बेदार नहीं होता मैं
दर-ओ-दीवारدر و دیوار
doors and walls, every nook and corner, all parts and corner of a dwelling
दीवार-ओ-दर के दरमियाँ
मख़मूर सईदी
काव्य संग्रह
दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आईफिर ये बारिश मिरी तंहाई चुराने आई
बुझे हुए दर-ओ-दीवार देखने वालोउसे भी देखो जो इक उम्र याँ गुज़ार गया
देखते हैं दर-ओ-दीवार हरीफ़ाना मुझेइतना बे-बस भी कहाँ होगा कोई घर में कभी
अपनी नज़रें दर-ओ-दीवार पर अक्सर रखनाअजनबी घर में क़दम सोच-समझ कर रखना
दर-ओ-दीवार भी होते हैं जासूसकोई सुनता न हो आहिस्ता बोलो
दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आईफिर ये बारिश मेरी तन्हाई चुराने आई
अच्छा हुआ कि सब दर-ओ-दीवार गिर पड़ेअब रौशनी तो है मिरे घर में हवा तो है
दर-ओ-दीवार पर साया पड़ा हैहवाओं में नमी का ज़ाइक़ा है
दर-ओ-दीवार ख़ुद-कुशी कर लेंहम जो नाचार ख़ुद-कुशी कर लें
उगा सब्ज़ा दर-ओ-दीवार पर आहिस्ता आहिस्ताहुआ ख़ाली सदाओं से नगर आहिस्ता आहिस्ता
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