आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "निस्बत-ए-ख़ास"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "निस्बत-ए-ख़ास"
ग़ज़ल
मुशीर झंझान्वी
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "निस्बत-ए-ख़ास"
ग़ज़ल
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
अजब है खेल कैरम का
लो उस की शर्त भी सुन लो कि
कनीज़-ए-ख़ास को ले कर ही रानी आप की होगी
इब्न-ए-मुफ़्ती
ग़ज़ल
ना तुझ से कुछ हम को निस्बत ना तुझ को कुछ हम से काम
हम को ये मालूम था लेकिन दिल को ये समझा न सके