aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "बे-हयाई"
यहाँ पे हँसना रवा है रोना है बे-हयाईसुक़ूत-ए-शहर-ए-जुनूँ का मातम ज़रा अलग है
साँचे में बे-हयाई की ढाली हैं औ’रतें शहवत की भट्टियों में उबाली हैं औ’रतें...
बे-शर्मी और बे-हयाई सेचलती है
पहुँच कर दम लेते हैंबे-हयाई की शिद्दत
ज़िंदा फिरने की है हवस 'हाली'इंतिहा है ये बे-हयाई की
बे-हयाईبے حیائی
Immodesty, Impudence, Shamelessness
असरार-ए-बे-ख़ुद
कामिल क़ुरैशी
आलोचना
मिर्ज़ा अली लुत्फ़ हयात और कारनामे
मिर्ज़ा अकबर अली बेग
ऐ असर कर न इंतिज़ार-ए-दुआमाँगना सख़्त बे-हयाई है
तो साहब! इस बे-हयाई का मुता'ला यकसूई से न ऊपर के शीशे से किया जा सकता है, न नीचे के शीशे से। और यूँ गिरहस्ती आदमी एक गुनाह से बच जाता है वह इक गुनह जो बज़ाहिर गुनाह से कम है।...
मुस्कुराते हैं गालियाँ सुन करये सियासत की बे-हयाई है
उँगलियाँ उठती हैं ख़ुदाई कीहत तिरी ऐसी बे-हयाई की
इस दौर-ए-बे-हयाई में कुछ बोलता नहींउस शख़्स में जनाब शराफ़त अभी भी है
तिरी ये बे-हयाई और तग़ाफ़ुलरक़ीबों को इशारा कर रहे हैं
हवा की बे-हयाई क्या बताएँबहुत मुश्किल ज़माना हो गया है
बे-लिबासी पैराहन पे ख़ंदा-ज़नबे-हयाई एक कारोबार है
मगस-ए-क़ाब अग़निया होना हैबे-हयाई नहीं तो फिर क्या है
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