आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मौज-ए-बला"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "मौज-ए-बला"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "मौज-ए-बला"
अन्य परिणाम "मौज-ए-बला"
शेर
ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं
मुईन अहसन जज़्बी
ग़ज़ल
हर मौज-ए-बला से हम जब जब कश्ती-ए-दिल टकराते हैं
तूफ़ान की नब्ज़ें डूबती हैं साहिल को पसीने आते हैं