aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "सर-ए-बाज़ार"
तमाशा फिर सर-ए-बाज़ार करनाफिर अपने अहद से इंकार करना
कौन आया सर-ए-बाज़ार कोई क्या जानेक्यों ज़ुलेख़ा है ख़रीदार कोई क्या जाने
बिकता रहता सर-ए-बाज़ार कई क़िस्तों मेंशुक्र है मेरे ख़ुदा ने मुझे शोहरत नहीं दी
यूसुफ़ के लिए हैं सर-ए-बाज़ार इकट्ठेक़िस्मत से हुए आज ख़रीदार इकट्ठे
कल ख़ुद मुझे रुस्वा सर-ए-बाज़ार करोगेतुम सुब्ह से पहले मिरा इंकार करोगे
सर-ए-बाज़ारسر بازار
in public, openly
जब्र ने जब मुझे रुस्वा सर-ए-बाज़ार कियासब्र ने मेरे मुझे साहब-ए-दस्तार किया
अपनी ख़ुदी को तुम सर-ए-बाज़ार बेच करज़िंदा हो कैसे दौलत-ए-किरदार बेच कर
तिरी अना सर-ए-बाज़ार छीन लेते हैंसिनाँ से हम तिरी गुफ़्तार छीन लेते हैं
ये तमाशा सर-ए-बाज़ार नहीं हो सकताहर कोई मेरा ख़रीदार नहीं हो सकता
सर-ए-बाज़ार सौदा हो रहा हैलहू पानी से सस्ता हो रहा है
क्यों ले आए सर-ए-बाज़ार सुनो ऐ लोगोमैं न फ़नकार न शहकार सुनो ऐ लोगो
इक तुर्फ़ा तमाशा सर-ए-बाज़ार बनेगाजो शख़्स भी आईना-ए-किरदार बनेगा
तन्हा खड़े हैं हम सर-ए-बाज़ार क्या करेंकोई नहीं है ग़म का ख़रीदार क्या करें
रहज़नी है सर-ए-बाज़ार तुम्हें क्या मालूमतुम तो हो क़ाफ़िला-सालार तुम्हें क्या मालूम
हाथ ख़ाली सर-ए-बाज़ार लिए फिरती हैरूह में सैंकड़ों आज़ार लिए फिरती है
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