आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सुर्ख़-सैलाब"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "सुर्ख़-सैलाब"
अन्य परिणाम "सुर्ख़-सैलाब"
ग़ज़ल
सैद हूँ रोज़-ए-अज़ल से आलम-ए-असबाब का
और वा रखता हूँ सीने में दरीचा ख़्वाब का
ग़ुलाम हुसैन साजिद
ग़ज़ल
मुस्तक़बिल की आँख पहन के दुरुस्त अंदाज़ा रोए थे
बासी शहर पे रोने वाले बिल्कुल ताज़ा रोए थे
यासिर इक़बाल
ग़ज़ल
ज़िंदा हो जाता हूँ मैं जब यार का आता है ख़त
रूह-ए-ताज़ा मुर्दा-दिल के वास्ते लाता है ख़त