aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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ख़ता माफ़ ख़ताएँ तो हम से होंगी ज़रूरकि ये तो फ़ितरत-ए-आदम है क्या किया जाए
आई-एम-एफ़ को समझते हैं मईशत का इलाजलोग अल-कुहल को खाँसी की दवा कहते हैं
मेहनत-कश मज़दूरों की सही नफ़सियात कुछ उनका अपना पसीना ही ब-तरीक़-ए-अहसन बयान कर सकता है। उसको दौलत के तौर पर इस्तेमाल कर के उस के पसीने की रौशनाई में क़लम डुबो-डुबो कर ग्रांडील लफ़्ज़ों में मंशूर लिखने वाले, हो सकता है बड़े मुख़्लिस आदमी हों, मगर माफ़ कीजिए मैं अब...
हर एक जुर्म की पाता रहा सज़ा लेकिनहर एक जुर्म ज़माने का मैं ने माफ़ किया
सारी ख़ताएँ माफ़ कर देनाइसे भी बख़्शवा देना
माफ़ماف
رک : معاف جو اس کا صحیح املا ہے ، درگزر کیا ہوا ، بخشا ہوا .
mlfmlf
multilateral nuclear force मख़लूत न्यूकलीयाई फ़ौज ।
माफماپھ
(سوقیانہ) رک: معاف.
mfmf
medium frequency दरमयानी ताद्दुद अम्वाज।
Qusoor Maaf
अनीस सुलताना
गद्द्य
Gustakhi Maaf
एम. ए. हन्नान
लेख
Kaha Suna Maaf
दाऊद कश्मीरी
Be-Adabi Maaf
अमजद अली
भारत का इतिहास
Allah Maaf Kare
नसीमा बिन्त सिराज
महिलाओं की रचनाएँ
गुस्ताख़ी माअाफ़
मीम अहमद
नॉवेल / उपन्यास
Gustakhi Maf
नज़र बर्नी
गुस्ताख़ रामपुरी
व्याख्या
कुछ अब के रस्म-ए-जहाँ के ख़िलाफ़ करना हैशिकस्त दे के अदू को माफ़ करना है
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