आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aagosh-e-saahil"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "aagosh-e-saahil"
ग़ज़ल
वो हर तूफ़ाँ जो हम-आग़ोश-ए-साहिल होता जाता है
हुसूल-ए-गौहर-ए-ताबाँ में हाइल होता जाता है
बिसमिल देहलवी
ग़ज़ल
ज़िंदगी का लुत्फ़ तूफ़ाँ में है तुग़्यानी में है
हैफ़ जो आसूदा-ए-आग़ोश-ए-साहिल हो गए
नज़ीर मुज़फ़्फ़रपुरी
ग़ज़ल
रू-ब-रू 'साहिल' है लेकिन अब भला क्या फ़ाएदा
सैर-ए-तूफ़ाँ करते करते जिस्म सारा गल गया
साहिल मुबारकपुरी
अन्य परिणाम "aagosh-e-saahil"
ग़ज़ल
शाहरुख़ साहिल तुलसीपुरी
ग़ज़ल
ठहरना ओ दिल-ए-बेताब फिर तू भी तो सीने में
निकल आए तड़प कर मौज जब आग़ोश-ए-साहिल से
मिर्ज़ा अल्ताफ़ हुसैन आलिम लखनवी
ग़ज़ल
मिल गया है साथ उस का ज़िंदगी भर के लिए
या'नी ऐ 'साहिल' हमें हिस्सा हमारा मिल गया