aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "adaa-e-farz"
इदारा-ए- फ़ैज़-ए-अदब, कराची
पर्काशक
बाक़ी न रहे साख 'अदा' दश्त-ए-जुनूँ कीदिल में अगर अंदेशा-ए-अंजाम ही आए
क्या फिर किसी ने क़र्ज़-ए-मुरव्वत अदा कियाक्यूँ आँख बे-सवाल है दिल फिर दुखा है क्या
पलकों तलक आ पहुँचे न किरनों की तमाज़तअब तक तो 'अदा' आइना-बरदार बहुत हैं
ग़यूर दिल से न माँगी गई मुराद 'अदा'बरसने आप ही काली घटा नहीं आई
मिरे हर्फ़ हर्फ़ के हाथ में सभी आइनों की हैं किर्चियाँजो ज़बाँ से हो न सका 'अदा' ब-हुदूद-ए-बे-सुख़नी कहा
अदा-ए-फ़र्ज़ادائے فرض
completing what is required, duty, obligatory
Faiz Aaina-e-Nasr Mein
अज़ीज़ा बानो
आलोचना
Zulfiqar Ali Bar Aada-e-Ashab-e-Nabi
हकीम फैजुलहक़
Deewan-e-Sani Hazrat Fard
अमीर ख़ुसरो
दीवान
इस्लामियात
Nasheb-o-Faraz
इफ़्फ़त आरा
सफ़र-नामा / यात्रा-वृतांत
Rajasthan Mein Urdu Zaban-o-Adab 1857 Tak
अबुल फ़ैज़ उस्मानी
राजस्थान में फ़ारसी ज़ुबानो-अदब के लिए गैर मुस्लिम हज़रात की ख़िदमात
अबुल-फ़ैज़ उस्मानी
साहित्य का इतिहास
शिकस्त-ए-दिल तक न बात पहुँची मगर 'अदा' कह सको तो कहनाकि अब के सावन धनक से आँचल के रंग सारे उतर गए हैं
दिल को भी इक जराहत-ए-दिल ने अता कियाये हौसला कि अपने तमाशाइयों में था
जिस दर से दिल को ज़ौक़-ए-इबादत अता हुआउस आस्तान-ए-शौक़ पे सज्दा रवा न था
जी को आराम आ गया है 'अदा'कभी तूफ़ाँ कभी सफ़ीनों से
अंदेशा बस इतना ही रहा दश्त-ए-तलब मेंभर आए कहीं आँख 'अदा' तिश्ना-लबी से
आँधी में बर्ग-ए-गुल की ज़बाँ से 'अदा' हुआवो राज़ जो किसी से अभी तक कहा न था
ख़ुशबू के थामने को बढ़ाए हैं हाथ 'अदा'दामान-ए-आरज़ू भी सबा-पैरहन सा है
लोगों को पसंद लग़्ज़िश-ए-पाऐसे में 'अदा' सँभल रही थी
'अदा' मैं निकहत-ए-गुल भी न थी सबा भी न थीकि मेहमाँ सी रहूँ और अपने घर में रहूँ
यही ज़िंदगी है बुरी-भली ये कशीदा सर ये बरहना-पान ग़ुबार-ए-राह से मुज़्महिल न सुकून-ए-जाँ का इआदा है
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