आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "asiir-e-gul-daam"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "asiir-e-gul-daam"
शेर
शारिक़ ईरायानी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "asiir-e-gul-daam"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "asiir-e-gul-daam"
ग़ज़ल
उस गुल-बदन के इश्क़ में रोऊँ न क्यों 'असीर'
है मुझ को रश्क-ए-तालेअ'-ए-शबनम तमाम रात
मुज़फ़्फ़र अली असीर
शेर
मबादा फिर असीर-ए-दाम-ए-अक़्ल-ओ-होश हो जाऊँ
जुनूँ का इस तरह अच्छा नहीं हद से गुज़र जाना
हफ़ीज़ जालंधरी
नज़्म
गुलहा-ए-अक़ीदत
सुब्ह-दम बाद-ए-सबा की शोख़ियाँ काम आ गईं
लाला-ओ-गुल को बग़ल-गीरी का मौक़ा मिल गया
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
हो गई वो भी किसी शोख़ की ज़ुल्फ़ों की असीर
निकहत-ए-गुल है परेशाँ दिल-ए-मुज़्तर की तरह
तरब सिद्दीक़ी
नज़्म
अवाम
तुम्हारी बज़्म ज़ेहन-ओ-फ़िक्र की आराइशें की हैं
हम ऐसे ही असीर-ए-गुल असीर-ए-जाम लोगों ने
सलाम मछली शहरी
ग़ज़ल
याद फ़रमाना था मुझ को भी दम-ए-गुल-गश्त-ए-बाग़
साथ चलने को जिलौ मैं क्या सबा थी मैं न था