आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bahr ul mohabbat shaikh mushafi ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "bahr ul mohabbat shaikh mushafi ebooks"
ग़ज़ल
न मेरी बात ही समझा न मेरा मुद्दआ' समझा
सुना क़िस्सा मगर क्या जाने उस ज़ालिम ने क्या समझा
अनवारुल हक़ अहमर लखनवी
शेर
सुल्ह-ए-कुल में मिरी गुज़रे है मोहब्बत के बीच
न तो तकरार है काफ़िर से न दीं-दार से बहस
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
दुनिया की वही रौनक़ दिल की वही तन्हाई
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "bahr ul mohabbat shaikh mushafi ebooks"
अन्य परिणाम "bahr ul mohabbat shaikh mushafi ebooks"
शेर
इतना भी बार-ए-ख़ातिर-ए-गुलशन न हो कोई
टूटी वो शाख़ जिस पे मिरा आशियाना था
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
ग़ज़ल
आब-ओ-दाना तिरा ऐ बुलबुल-ए-ज़ार उठता है
फ़स्ल-ए-गुल जाती है सामान-ए-बहार उठता है
मुबारक अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
जब दिल में तिरे ग़म ने हसरत की बिना डाली
दुनिया मिरी राहत की क़िस्मत ने मिटा डाली
फ़ानी बदायुनी
शेर
तअस्सुब बर-तरफ़ मस्जिद हो या हो कू-ए-बुत-ख़ाना
रह-ए-दिलदार पर जाता क़दम यूँ भी है और यूँ भी