आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dil-e-kam-zarf"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "dil-e-kam-zarf"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "dil-e-kam-zarf"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "dil-e-kam-zarf"
ग़ज़ल
किसी को देख कर बे-ख़ुद दिल-ए-काम हो जाना
उसी को लोग कहते हैं ख़याल-ए-ख़ाम हो जाना
हफ़ीज़ जौनपुरी
ग़ज़ल
फ़रेबों से न बहलेगा दिल-ए-आशुफ़्ता-काम अपना
ब-ज़ाहिर मुस्कुरा कर देखने वाले सलाम अपना
महशर इनायती
ग़ज़ल
ख़ूगर-ए-ऐश-ओ-मसर्रत दिल-ए-ख़ुद-काम नहीं
है ये आराम की सूरत मगर आराम नहीं