आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kaffaare"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "kaffaare"
ग़ज़ल
तुम्हारी याद के हर शय से नज़्ज़ारे निकलते हैं
जो मुझ से फ़र्ज़ छूटे उन के कफ़्फ़ारे निकलते हैं
वसीम फ़रहत अलीग
ग़ज़ल
तुम्हारी याद के हर शय से नज़ारे निकलते हैं
जो मुझ से फ़र्ज़ छूटे उन के कफ़्फ़ारे निकलते हैं
वसीम फ़रहत अलीग
ग़ज़ल
क्यों क़सम खाई है तू ने दिल जलाने की भला
जान कफ़्फ़ारे में ले ले अहद-ए-बातिल तोड़ दे
हिदायतुल्लाह
ग़ज़ल
साग़र-ए-चश्म के सौ देने पड़ेंगे बोसे
शीशा-ए-दिल कभी तोड़ा तो ये कफ़्फ़ारे हैं
ख़्वाज़ा मोहम्मद वज़ीर
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "kaffaare"
अन्य परिणाम "kaffaare"
ग़ज़ल
ख़यानत भी न हो पाई थी रोज़ा-दार आँखों से
वो कफ़्फ़ारे में कर बैठे तक़ाज़ा ज़िंदगानी का
हबीबा इकराम
नज़्म
शिकवा
तोड़े मख़्लूक़ ख़ुदावंदों के पैकर किस ने
काट कर रख दिए कुफ़्फ़ार के लश्कर किस ने
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
ग़फ़लत-मता-ए-कफ़्फ़ा-ए-मीज़ान-ए-अद्ल हूँ
या रब हिसाब-ए-सख़्ती-ए-ख़्वाब-ए-गिराँ न पूछ
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
अगर वो सर्व-क़द गर्म-ए-ख़िराम-ए-नाज़ आ जावे
कफ़-ए-हर-ख़ाक-ए-गुलशन शक्ल-ए-क़ुमरी नाला-फ़र्सा हो
मिर्ज़ा ग़ालिब
नज़्म
इंक़लाब-ए-फ़िलिस्तीन
हूक उठती है ये सुन मेरे दिल-ए-नाकाम में
पलटनें कुफ़्फ़ार की हों ख़ाना-ए-इस्लाम में
शहज़ादी कुलसूम
ग़ज़ल
रात भर जिस की तमन्ना में जले हैं हम लोग
वो सहर शैख़ की नज़रों में है कुफ़्फ़ार की बात
ख़ालिद यूसुफ़
ग़ज़ल
ख़ौफ़ सब जाता रहा दिल से अज़ाब-ए-हिज्र का
नक़्द-ए-जाँ देना गुनाह-ए-इश्क़ का कफ़्फ़ारा था