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शहीद-ए-शब फ़क़त अहमद-'फ़राज़' ही तो नहींकि जो चराग़-ब-कफ़ था वही निशाना हुआ
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आआ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
तेरी बातें ही सुनाने आएदोस्त भी दिल ही दुखाने आए
अहमद फ़राज़ पिछली सदी के प्रख्यात शायरों में शुमार किए जाते हैं। अपने समकालीन में बेहद सादा और अद्वितीय शैली की वजह से उनकी शायरी ख़ास अहमियत की हामिल है। रेख़्ता फ़राज़ के 20 लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा पढ़े गए शेर पेश कर रहा है जिसने पाठकों पर जादू ही नहीं किया बल्कि उनके दिलों को मोह लिया । इन शेरों का चुनाव बहुत आसान नहीं था। हम जानते हैं कि अब भी फ़राज़ के बहुत से लोकप्रिय शेर इस सूची में नहीं हैं। इस सिलसिले में आपकी राय का स्वागत है। अगर हमारे संपादक मंडल को आप का भेजा हुआ शेर पसंद आता है तो हम इसको नई सूची में शामिल करेंगे।उम्मीद है कि आपको हमारी ये कोशिश पसंद आई होगी और आप इस सूची को संवारने और आरास्ता करने में हमारी मदद करेंगें ।
Kulliyat-e-Ahmad Faraz
अहमद फ़राज़
कुल्लियात
Kulliyat-e-Ahmad Mushtaq
अहमद मुश्ताक़
Kulliyat-e-Aal-e-Ahmad Suroor
आल-ए-अहमद सुरूर
Intikhab Kulliyat-e-Ahmad Nadeem Qasmi
अहमद नदीम क़ासमी
संकलन
Kalam-e-Ahmad Faraz
Majmua-e-Ahmad Faraz
Shahr-e-Sukhan Aarasta Hai
Kulliyat-e-Ilm-ul-Adviya
मोहम्मद आफ़ताब अहमद
Kulliyaat-e-Umoor-e-Tabeeiya
हकीम तसख़ीर अहमद
Khwab-e-Gul Pareshan Hai
काव्य संग्रह
Aye Ishq-e-Junoon Pesha
Kulliyat-e-Faiz
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Farhang-e-Kulliyat-e-Meer
फरीद अहमद बरकाती
शब्द-कोश
अब के तजदीद-ए-वफ़ा का नहीं इम्काँ जानाँयाद क्या तुझ को दिलाएँ तिरा पैमाँ जानाँ
गुफ़्तुगू अच्छी लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छा लगामुद्दतों के बाद कोई हम-सफ़र अच्छा लगा
उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दियाहिज्र की रात बाम पर माह-ए-तमाम रख दिया
तेरे होते हुए आ जाती थी सारी दुनियाआज तन्हा हूँ तो कोई नहीं आने वाला
तेरे क़रीब आ के बड़ी उलझनों में हूँमैं दुश्मनों में हूँ कि तिरे दोस्तों में हूँ
अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही होआँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए
याद आई है तो फिर टूट के याद आई हैकोई गुज़री हुई मंज़िल कोई भूली हुई दोस्त
सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आयाकि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी
रोग ऐसे भी ग़म-ए-यार से लग जाते हैंदर से उठते हैं तो दीवार से लग जाते हैं
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