aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "maa-qabl"
जब कुछ भी न था यहाँ पे मा-क़ब्लदुनिया किस चीज़ से बनी थी
था हश्र को ज़माना-ए-मा-क़ब्ल-ए-हस्ती कमसो हम ने अपनी उम्र का अर्सा भी दे दिया
दिल है मा-क़ब्ल-ए-क़दीम आँख है मा-बा'द-ए-जदीदहस्ती अपने ही तज़ादात से टकराती है
पूछ मत कल आइने में क्या हुआअपने ज़िंदा होने का धोका हुआ
तुम अपने अक़ीदों के नेज़ेहर दिल में उतारे जाते हो
मा-क़ब्लماقبل
what is before, before preceding, former
जो पहले हो, जो दूसरे से पहले हो, वह शब्द जो दूसरे शब्द से पहले हो।
Kabe Me Sanam
माह-ए-मुबीं
Kaba Numa
अननोन ऑथर
Bihar Me Bachon Ka Adab Kal Aur Aaj
मंसूर ख़ुशतर
बाल-साहित्य
मोहम्मद मंसबअली खान
Kaal Kothri
एम एस नाज़
कहानी
Josh-e-Sitam Tumhara Kab Tak Ye Kam Na Hoga
एम. एस. जौहर
ग़ज़ल
शहर जल बुझ गया लोग मर कब गएसुब्ह-ए-नौ कल नया हादिसा देखिए
ज़रा चख लीजिए ना हज़रत-ए-शैख़ये मय कब से तक़ाज़ा कर रही है
रात कट गई है सुब्ह हो गई हैदिल को ढूँडिए मत कब का जल बुझा है
पहले पहले प्यार की पहली ख़ता का इर्तिकाबपूछिए मत कब किया बस जब किया सो तब किया
ज़िंदा हूँ मेरी आमद-ओ-शुद से है काएनातआऊँगा काल है मिरा मर कब गया हूँ मैं
नाकाम-ए-तमन्ना से तू काम की बातें करऐ हुस्न-ए-बहाना-जू मत कल का भुलावा दे
आज 'क़ाबिल' मय-कदे में इंक़लाब आने को हैअहल-ए-दिल अंदेशा-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ तक आ गए
ग़ैर शाइस्ता-ए-आदाब-ए-मोहब्बत न सहीहम तिरे हिज्र के आज़ार में मर कब गए हैं
सब पेच की ये बातें हैं शा'इरों की वर्नाबारीक और नाज़ुक मू कब है उस कमर सा
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