aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "maslahatan"
इक तुझ को देखने के लिए बज़्म में मुझेऔरों की सम्त मस्लहतन देखना पड़ा
ज़रा भी दख़्ल नहीं इस में इन हवाओं काहमें तो मस्लहतन अपनी ख़ाक उड़ानी है
चुप-चाप सही मस्लहतन वक़्त के हाथोंमजबूर सही वक़्त से हारा तो नहीं हूँ
लोग उसे मस्लहतन कुछ न कहेंउस की औक़ात मगर जानते हैं
कभी भी हम ने न की कोई बात मस्लहतनमुनाफ़िक़त की हिमायत, नहीं, कभी नहीं की
मस्लहतनمَصْلَحَتاً
कारणवश, छिपे हुए शुभ उद्देश्य या हेतु से, अप्रकट रूप से, अच्छे उद्देश्य के लिए, किसी शुभ उद्देश्य से, भलाई की दृष्टि से
सब्र हो सकता है कब हम से वले मस्लहतनआज़माइश दिल-ए-बेताब की कर देखें तो
ओढ़ लेता है यक़ीं मस्लहतन चुप का लिहाफ़इस घड़ी सच की हर इक बात गुमाँ बोलता है
छुपा था मस्लहतन शाम से समेट के नूरमुहीब रात ये समझी कि डर गया सूरज
झूट-मूट उन से मैं कुछ मस्लहतन बोलूँगासच है तू बोल न उठियो दिल-ए-आगाह कि झूट
सौ बार इक गली में मुझे ले गया ये वहमखिड़की से कोई मस्लहतन झाँकता न हो
यहाँ तो मस्लहतन झूट को भी सच कहिएहम ऐसी मस्लहत-ए-नारवा से बाज़ आए
उठाया मस्लहतन हम ने ख़ून का दा'वाकिसी की आँख सर-ए-हश्र नीची क्या करते
ये काम मिरे बस में नहीं मस्लहतन भीमुझ से कभी बातिल की वकालत नहीं होती
हज़र की आख़िरी हद का अज़ाब होना पड़ाहमें भी मस्लहतन बाज़याब होना पड़ा
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books