aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "naarsii-sas"
यहाँ तो नारसी-सस भी कहीं भी ख़ुद-गिरफ़्ता रह नहीं सकतासमुंदर छेड़ता है साहिराना सिम्फ़नी जिस में
तसव्वुर करोदिन के ख़्वाबों के बर्बाद लम्हों का
कौन सा वस्फ़ कौन सी ख़ूबीहज़रत-ए-'नूह-नारवी' में नहीं
जिस्म समुंदर फिर से महकेनट-खट नारी साए निगल जा
नर-नारी सब खाएँ सदाआधा बकरा आधा गधा
नारसी-ससنارسی سس
Narcissus-allusion
अच्छा अच्छा हो जाएगा सब कुछ अच्छाअच्छा अच्छा सब कुछ अच्छा हो जाएगा
उन से सब हाल दग़ाबाज़ कहे देते हैंमेरे हमराज़ मिरा राज़ कहे देते हैं
सुनते रहे हैं आप के औसाफ़ सब से हममिलने का आप से कभी मौक़ा नहीं मिला
वो हाथ में तलवार लिए सर पे खड़े हैंमरने नहीं देती मुझे मरने की ख़ुशी आज
हमारे दिल से क्या अरमान सब इक साथ निकलेंगेकि क़ैदी मुख़्तलिफ़ मीआ'द के होते हैं ज़िंदाँ में
फ़ित्ने दबे-दबाए थे जितने पड़े हुएबैठे कहीं हो तुम तो वो सब उठ खड़े हुए
आप जो कहते हैं सब हज़रत-ए-नासेह है बजाक्या करूँ ज़ेहन से ये लफ़्ज़ उतर जाते हैं
कभी नर्मी कभी सख़्ती कभी उलझन कभी डरवक़्त ऐ दोस्त बहर-हाल गुज़र जाता है
भरी महफ़िल में उन को छेड़ने की क्या ज़रूरत थीजनाब-ए-नूह तुम सा भी न कोई बे-अदब होगा
ख़ुदा के सज्दे बुतों के आगे फिर ऐसे सज्दे कि सर न उट्ठेअजब तरह की हमारी निय्यत नई तरह की नमाज़ में है
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