आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "najaat-o-magfirat"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "najaat-o-magfirat"
ग़ज़ल
ख़रीदारी न हो क्यूँकर तिरे बाज़ार-ए-तलक़ीं में
नजात-ओ-मग़फ़िरत की जिंस सस्ती है गुरु-नानक
श्याम सुंदर लाल बर्क़
ग़ज़ल
कोई बादा-कश जिसे मय-कशी का तरीक़-ए-ख़ास न आ सका
ग़म-ए-ज़िंदगी की कशा-कशों से कभी नजात न पा सका
नरेश एम. ए
शेर
तबाही तक तो आ पहुँचे ब-फ़ैज़-ए-मग़्फ़िरत वाइ'ज़
ख़ुदारा अब तो मीर-ए-कारवाँ का ज़िक्र करने दो
सय्यद अंजुमन जाफ़री
ग़ज़ल
तबाही तक तो आ पहुँचे ब-फ़ैज़-ए-मग़्फ़िरत वाइ'ज़
ख़ुदारा अब तो मीर-ए-कारवाँ का ज़िक्र करने दो
सय्यद अंजुमन जाफ़री
अन्य परिणाम "najaat-o-magfirat"
ग़ज़ल
गरचे हों 'बेदार' ग़र्क़-ए-मासियत सर-ता-ब-पा
पुर-उमीद-ए-मग़फ़िरत है शब्बर-ओ-शब्बीर से
मीर मोहम्मदी बेदार
नज़्म
सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)
अभी गिरानी-ए-शब में कमी नहीं आई
नजात-ए-दीदा-ओ-दिल की घड़ी नहीं आई
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
सलाम
गले पर ख़ंजर-ए-क़ातिल लबों पर कुछ दु'आएँ हैं
नजात-ए-उम्मत-ए-आसी की हक़ से इल्तिजाएँ हैं
सय्यदा फ़रहत
ग़ज़ल
दुआ-ए-मग़्फ़िरत तुम दो उतारे क़ब्र में कोई
पढ़ो तल्क़ीन तुम शाना हिलाए जिस का जी चाहे