आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qassaam-e-KHalq"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "qassaam-e-KHalq"
नज़्म
गुलहा-ए-अक़ीदत
गुल से अपनी निस्बत-ए-देरीना की खा कर क़सम
अहल-ए-दिल को इश्क़ के अंदाज़ समझाने लगीं
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
शुक्र-ए-ख़ुदा कि ज़ुल्म से मा'ज़ूर है फ़लक
बर्तानिया है ख़ल्क़ की ग़म-ख़्वार आज-कल
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
यार है ख़ंजर-ब-कफ़ और जाँ-निसारों का हुजूम
हाए ये किस जुर्म में ख़ल्क़-ए-ख़ुदा पकड़ी गई
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "qassaam-e-KHalq"
अन्य परिणाम "qassaam-e-KHalq"
शेर
ऐ बाग़बाँ नहीं तिरे गुलशन से कुछ ग़रज़
मुझ से क़सम ले छेड़ूँ अगर बर्ग-ओ-बर कहीं
बन्द्र इब्न-ए-राक़िम
शेर
कुछ शेर-ओ-शायरी से नहीं मुझ को फ़ाएदा
इल्ला हुसूल-ए-काविश-ए-बे-जा-ए-ख़ल्क़ है
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
फ़र्त-ए-हुजूम-ए-ख़ल्क़ से हों बंद रास्ते
वो रश्क-ए-यूसुफ़ आए जो बाज़ार की तरफ़