आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qillat-e-siim"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "qillat-e-siim"
ग़ज़ल
फ़ारूक़ बाँसपारी
ग़ज़ल
नरेश एम. ए
अन्य परिणाम "qillat-e-siim"
नज़्म
रक़्क़ासा-ए-औहाम
शादाब है दिन-रात ग़रीबों के लहू से
अरबाब-ए-ज़र-ओ-सीम का गुलज़ार है आलम
बेबाक भोजपुरी
नज़्म
अहसन तक़्वीम
ऐवान-ए-ज़र-ओ-सीम में महशर हुआ बरपा
ख़ाइफ़ हमा-तन लश्कर-ए-शद्दाद है हम से
बेबाक भोजपुरी
ग़ज़ल
मर्द-ए-दरवेश का सरमाया है आज़ादी ओ मर्ग
है किसी और की ख़ातिर ये निसाब-ए-ज़र-ओ-सीम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
एक मीनार गिरा
जिस की तनवीर ने ज़र्रों को 'अता की ताबिश
जिस की तक़रीर ने तोड़ा है तिलिस्म-ए-ज़र-ओ-सीम
क़मर रईस
ग़ज़ल
सब कुछ अल्लाह ने दे रक्खा है माल-ओ-ज़र-ओ-सीम
हैं मगर अहल-ए-दुवल अक़्ल-ओ-ख़िरद के मुहताज