आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sadqa-e-jaarii"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "sadqa-e-jaarii"
ग़ज़ल
सफ़र जारी है सदियों से हमारा नब्ज़-ए-आलम में
निगाहों से ज़माने की मगर रू-पोश रहते हैं
शान-ए-हैदर बेबाक अमरोहवी
नज़्म
हिलाल-ए-ईद
है मुसलमानों पर वाजिब सदक़ा-ए-ईद-उल-फ़ित्र
पा के रोज़ी ख़ुश हैं ग़ुरबा ये निहाल-ए-ईद है
निसार कुबरा अज़ीमाबादी
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "sadqa-e-jaarii"
ग़ज़ल
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
ग़ज़ल
बहुत दुश्वार है ख़ुद्दार रह कर ज़िंदगी करना
ख़ुशामद करने वाला सदक़ा-ए-दस्तार क्या देता
उनवान चिश्ती
नज़्म
ईद का चाँद देख कर
सुब्ह ख़ैरात के आँगन में ग़रीबी होगी
फिर वही सदक़ा-ए-जाँ अब के बरस पाएँगे