आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sar-e-muu"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "sar-e-muu"
अन्य परिणाम "sar-e-muu"
नज़्म
कौन सी उलझन को सुलझाते हैं हम?
और आख़िर बोद जिस्मों में सर-ए-मू भी न था
जब दिलों के दरमियाँ हाइल थे संगीं फ़ासले
नून मीम राशिद
ग़ज़ल
ज़ुल्फ़ कब की आतिश-ए-अय्याम से कुम्हला गई
ज़ुल्फ़ का साया नहीं ढलता सर-ए-मू आज भी
ख़ुर्शीद रिज़वी
ग़ज़ल
फँसने वाला था फँसा आ के तिरी ज़ुल्फ़ों में दिल
ब-ख़ुदा इस में नहीं जुर्म सर-ए-मू अपना
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
क़ातिल तो उस का हर सर-ए-मू बाल-पन से था
आराइश उस की ज़ुल्फ़ को शाने ने क्या किया