आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sharbat-e-vasl"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "sharbat-e-vasl"
ग़ज़ल
दर्द-ए-दिल दर्द हुआ सीना की सोज़िश भी गई
शर्बत-ए-वस्ल में तेरे हैं ये तासीरें दो
शम्स-उन-निसा बेगम शर्म
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "sharbat-e-vasl"
अन्य परिणाम "sharbat-e-vasl"
नज़्म
लब पर नाम किसी का भी हो
फ़र्दा महज़ फ़ुसूँ का पर्दा, हम तो आज के बंदे हैं
हिज्र ओ वस्ल, वफ़ा और धोका सब कुछ आज पे रक्खा है
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
पूछा ख़िताब यार से किस तरह कीजिए शाम-ए-वस्ल
चुपके से अंदलीब ने फूल से कुछ कहा कि यूँ
एस ए मेहदी
ग़ज़ल
लुत्फ़ आए जो शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन सो जाए
क्यूँकि वो गोश-बर-आवाज़ नज़र आते हैं
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
सदा सुनते ही गोया मुर्दनी सी छा गई मुझ पर
ये शोर-ए-सूर था या वस्ल का इंकार था क्या था
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
हज़ार शर्म करो वस्ल में हज़ार लिहाज़
न निभने देगा दिल-ए-ज़ार ओ बे-क़रार लिहाज़