आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "uf-rii"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "uf-rii"
शेर
एक सितम और लाख अदाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
तिरछी निगाहें तंग क़बाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
हँसते हँसते रूठ भी जाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
सोना चाँदी दोनों कटाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
हबीब आरवी
ग़ज़ल
एक सितम और लाख अदाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
तिरछी निगाहें तंग क़बाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
शाद अज़ीमाबादी
नज़्म
गंगा
ऐ आब-रूद-ए-गंगा उफ़ री तिरी सफ़ाई
ये तेरा हुस्न दिल-कश ये तर्ज़-ओ-दिल-रुबाई
सुरूर जहानाबादी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "uf-rii"
अन्य परिणाम "uf-rii"
नज़्म
ज़ईफ़ा
उफ़-री मायूसी किसी का आसरा रखती नहीं
शुबह होता है कि तू शायद ख़ुदा रखती नहीं
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
उफ़ री मजबूरी मिज़ाज-ए-यार में हो कर दख़ील
राज़दाँ ख़ुद अपने दुश्मन को बनाना ही पड़ा
अंजुम मानपुरी
नज़्म
सती
उफ़ री शौहर की चिता पर शोला-अफ़्रोज़ी तिरी
जीते-जी सोज़-ए-मोहब्बत में जिगर-सोज़ी तिरी
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
पाँच परछाइयाँ
याद पे नक़्श हो गई गुज़री हुई हर एक बात
हाए शबाब की वो मौत उफ़ री जुदाई की वो रात
सलाम संदेलवी
ग़ज़ल
अल्लह रे ज़ोफ़ उफ़ री ग़शी हिज्र-ए-यार में
मुर्दा सा था पड़ा सर-ए-बिस्तर तमाम रात
सय्यद अमीर हसन बद्र
ग़ज़ल
उफ़-री मनाज़िल-ए-बुलंद तेरे हरीम-ए-नाज़ की
पा-ए-तलब को कितने तय करने पड़े हैं आसमाँ