आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vaj.h-e-bad-gumaanii"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "vaj.h-e-bad-gumaanii"
ग़ज़ल
जो बात शर्त-ए-विसाल ठहरी वही है अब वज्ह-ए-बद-गुमानी
इधर है इस बात पर ख़मोशी उधर है पहली से बे-ज़बानी
अज़्म बहज़ाद
ग़ज़ल
तुझे खो दिया है पा कर ये मिरी है बद-नसीबी
कभी तुम बता तो देते मुझे वज्ह-ए-बद-गुमानी
हंस राज सचदेव 'हज़ीं'
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "vaj.h-e-bad-gumaanii"
अन्य परिणाम "vaj.h-e-bad-gumaanii"
नज़्म
काँच
बहुत नाज़ुक, शगुफ़्ता, तेज़-तर तासीर थी उस में
कि संग-ए-बद-गुमानी भी उसी बिल्लोर से टूटा
मोहम्मद शहबाज़ अकमल
ग़ज़ल
अदा-ए-बद-गुमानी भी सरिश्त-ए-इश्क़ है लेकिन
ये क्यूँ कर बन गई मिनजुमला-ए-इल्ज़ाम क्या कहिए
अख़गर मुशताक़ रहीमाबादी
ग़ज़ल
इक़बाल अज़ीम
ग़ज़ल
जले है देख के बालीन-ए-यार पर मुझ को
न क्यूँ हो दिल पे मिरे दाग़-ए-बद-गुमानी-ए-शमअ'
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
हुस्न-ए-ज़न काम लीजे बद-गुमानी फिर सही
बे-तकल्लुफ़ और कीजे मेहरबानी फिर सही