aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "'jamaalii'"
अभी रौशन हुआ जाता है रस्तावो देखो एक औरत आ रही है
झूट में शक की कम गुंजाइश हो सकती हैसच को जब चाहो झुठलाया जा सकता है
तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आनाहमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है
उम्र का एक और साल गयावक़्त फिर हम पे ख़ाक डाल गया
मैं ने हाथों से बुझाई है दहकती हुई आगअपने बच्चे के खिलौने को बचाने के लिए
शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरासो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है
सब से पहले दिल के ख़ाली-पन को भरनापैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है
बद्र और महर दो हैं नाम उन केइक जमाली है एक जलाली है
तुम्हारे बा'द बड़ा फ़र्क़ आ गया हम मेंतुम्हारे बा'द किसी पे ख़फ़ा नहीं हुए हम
कोई स्कूल की घंटी बजा देये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
छुप गया ईद का चाँद निकल कर देर हुई पर जाने क्योंनज़रें अब तक टिकी हुई हैं मस्जिद के मीनारों पर
अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए थातो फिर तुझे ज़रा पहले बताना चाहिए था
रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगेहर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
कुछ लोग हैं जो झेल रहे हैं मुसीबतेंकुछ लोग हैं जो वक़्त से पहले बदल गए
ज़िंदगी ऐसे भी हालात बना देती हैलोग साँसों का कफ़न ओढ़ के मर जाते हैं
लोग कहते हैं कि इस खेल में सर जाते हैंइश्क़ में इतना ख़सारा है तो घर जाते हैं
अपने ख़ून से इतनी तो उम्मीदें हैंअपने बच्चे भीड़ से आगे निकलेंगे
सियासत के चेहरे पे रौनक़ नहींये औरत हमेशा की बीमार है
इक बीमार वसिय्यत करने वाला हैरिश्ते-नाते जीभ निकाले बैठे हैं
मौत को हम ने कभी कुछ नहीं समझा मगर आजअपने बच्चों की तरफ़ देख के डर जाते हैं
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