aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "'shohrat'"
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा हैजिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है
इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सहीमेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही
हम-सफ़र हो तो कोई अपना-साचाँद के साथ चलोगे कब तक
न जाने कितने चराग़ों को मिल गई शोहरतइक आफ़्ताब के बे-वक़्त डूब जाने से
हम तालिब-ए-शोहरत हैं हमें नंग से क्या कामबदनाम अगर होंगे तो क्या नाम न होगा
ये किस अज़ाब में छोड़ा है तू ने इस दिल कोसुकून याद में तेरी न भूलने में क़रार
गर्द-ए-शोहरत को भी दामन से लिपटने न दियाकोई एहसान ज़माने का उठाया ही नहीं
किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ 'वाहिद'उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिन के काम अच्छे हैं
अब तू दरवाज़े से अपने नाम की तख़्ती उतारलफ़्ज़ नंगे हो गए शोहरत भी गाली हो गई
उस घर की बदौलत मिरे शेरों को है शोहरतवो घर कि जो इस शहर में बदनाम बहुत है
शोहरत की फ़ज़ाओं में इतना न उड़ो 'साग़र'परवाज़ न खो जाए इन ऊँची उड़ानों में
क्या पूछते हो कौन है ये किस की है शोहरतक्या तुम ने कभी 'दाग़' का दीवाँ नहीं देखा
उलझ रहे हैं बहुत लोग मेरी शोहरत सेकिसी को यूँ तो कोई मुझ से इख़्तिलाफ़ न था
मैं इसे शोहरत कहूँ या अपनी रुस्वाई कहूँमुझ से पहले उस गली में मेरे अफ़्साने गए
हाँ ऐ ग़म-ए-इश्क़ मुझ को पहचानदिल बन के धड़क रहा हूँ कब से
वो जुनूँ को बढ़ाए जाएँगेउन की शोहरत है मेरी रुस्वाई
खुली न मुझ पे भी दीवानगी मिरी बरसोंमिरे जुनून की शोहरत तिरे बयाँ से हुई
मेरी शोहरत के पीछे हैहाथ बहुत रुस्वाई का
हर सम्त फ़लक-बोस पहाड़ों की क़तारें'ख़ुसरव' है न 'शीरीं' है न तेशा है न फ़रहाद
बिकता रहता सर-ए-बाज़ार कई क़िस्तों मेंशुक्र है मेरे ख़ुदा ने मुझे शोहरत नहीं दी
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books