aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ابجد"
तुझ से क़िस्मत में मिरी सूरत-ए-क़ुफ़्ल-ए-अबजदथा लिखा बात के बनते ही जुदा हो जाना
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाएअब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
दिल अभी पूरी तरह टूटा नहींदोस्तों की मेहरबानी चाहिए
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगाजाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा
ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँकाश तुझ को भी इक झलक देखूँ
जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं
जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रेंईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही
दुआ करो कि मैं उस के लिए दुआ हो जाऊँवो एक शख़्स जो दिल को दुआ सा लगता है
बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम'बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़मुझ को आदत है मुस्कुराने की
हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हमजो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी
मैं मय-कदे की राह से हो कर निकल गयावर्ना सफ़र हयात का काफ़ी तवील था
मैं रोज़ इधर से गुज़रता हूँ कौन देखता हैमैं जब इधर से न गुज़रूँगा कौन देखेगा
बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनीडूबने वाले तिरे हाथ से साहिल तो गया
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गयाख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मिरे पास रह गया
एक चेहरे में तो मुमकिन नहीं इतने चेहरेकिस से करते जो कोई इश्क़ दोबारा करते
अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिरइतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते
इक हसीं आँख के इशारे परक़ाफ़िले राह भूल जाते हैं
काश देखो कभी टूटे हुए आईनों कोदिल शिकस्ता हो तो फिर अपना पराया क्या है
मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवरमुस्कुराना न भूल जाया करो
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