aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "انہدام"
कोई तुम सा भी काश तुम को मिलेमुद्दआ हम को इंतिक़ाम से है
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लोमोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता
तुम उस के पास हो जिस को तुम्हारी चाह न थीकहाँ पे प्यास थी दरिया कहाँ बनाया गया
मोहब्बत की सज़ा तर्क-ए-मोहब्बतमोहब्बत का यही इनआम भी है
हुस्न को शर्मसार करना हीइश्क़ का इंतिक़ाम होता है
था इरादा तिरी फ़रियाद करें हाकिम सेवो भी एे शोख़ तिरा चाहने वाला निकला
हम ने तो ख़ुद से इंतिक़ाम लियातुम ने क्या सोच कर मोहब्बत की
इरादा तो नहीं है ख़ुद-कुशी कामगर मैं ज़िंदगी से ख़ुश नहीं हूँ
मैं ज़ख़्म खा के गिरा था कि थाम उस ने लियामुआफ़ कर के मुझे इंतिक़ाम उस ने लिया
तुम्हारे ख़त में नज़र आई इतनी ख़ामोशीकि मुझ को रखने पड़े अपने कान काग़ज़ पर
हम हैं मसरूफ़-ए-इंतिज़ाम मगरजाने क्या इंतिज़ाम कर रहे हैं
हम ने बे-इंतिहा वफ़ा कर केबे-वफ़ाओं से इंतिक़ाम लिया
ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुकन लो इंतिक़ाम मुझ से मिरे साथ साथ चल के
यूँ देखना उस को कि कोई और न देखेइनआम तो अच्छा था मगर शर्त कड़ी थी
इरादा था जी लूँगा तुझ से बिछड़ करगुज़रता नहीं इक दिसम्बर अकेले
ख़ुद अपने आप से लेना था इंतिक़ाम मुझेमैं अपने हाथ के पत्थर से संगसार हुआ
ग़मों से बैर था सो हम ने ख़ुद-कुशी कर लीशजर गिरा के परिंदों से इंतिक़ाम लिया
होगा बहुत शदीद तमाज़त का इंतिक़ामसाए से मिल के रोएगी दीवार देखना
आज क्या लौटते लम्हात मयस्सर आएयाद तुम अपनी इनायात से बढ़ कर आए
तुझ से वफ़ा न की तो किसी से वफ़ा न कीकिस तरह इंतिक़ाम लिया अपने आप से
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