आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "باغ_خلد_بریں"
शेर के संबंधित परिणाम "باغ_خلد_بریں"
शेर
लुत्फ़ तब अमर्द-परस्ती का है बाग़-ए-ख़ुल्द में
पास बैठे जबकि ग़िल्माँ और खड़ी हो हूर दूर
मुनव्वर ख़ान ग़ाफ़िल
शेर
मैं उस की धूप हूँ जो मेरा आफ़्ताब नहीं
ये बात ख़ुद पे मैं किस तरह आश्कार करूँ
अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा
शेर
साअत-ए-ईसवियाँ है कि मिरा दिल जिस में
ख़ुद-ब-ख़ुद चोट लगी ख़ुद-ब-ख़ुद आवाज़ हुई
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
ख़ूबसूरत हैं आँखें तिरी रात को जागना छोड़ दे
ख़ुद-ब-ख़ुद नींद आ जाएगी तू मुझे सोचना छोड़ दे
हसन काज़मी
शेर
बिस्मिलों से बोसा-ए-लब का जो वा'दा हो गया
ख़ुद-ब-ख़ुद हर ज़ख़्म का अंगूर मीठा हो गया
मुनीर शिकोहाबादी
शेर
अल्लाह रे ज़ौक़-ए-दश्त-नवर्दी कि बाद-ए-मर्ग
हिलते हैं ख़ुद-ब-ख़ुद मिरे अंदर कफ़न के पाँव