आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بانسری"
शेर के संबंधित परिणाम "بانسری"
शेर
वो टूटते हुए रिश्तों का हुस्न-ए-आख़िर था
कि चुप सी लग गई दोनों को बात करते हुए
राजेन्द्र मनचंदा बानी
शेर
कोई भी घर में समझता न था मिरे दुख सुख
एक अजनबी की तरह मैं ख़ुद अपने घर में था