aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "بہیمانہ"
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद हैहम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाएकोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दियातुझ से भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के
जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रेंईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही
रंग ख़ुश्बू और मौसम का बहाना हो गयाअपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया
मिरी ज़िंदगी तो गुज़री तिरे हिज्र के सहारेमिरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना
काँटों से गुज़र जाता हूँ दामन को बचा करफूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ
वो पूछता था मिरी आँख भीगने का सबबमुझे बहाना बनाना भी तो नहीं आया
यूँही दिल ने चाहा था रोना-रुलानातिरी याद तो बन गई इक बहाना
हमें तो ख़ैर बिखरना ही था कभी न कभीहवा-ए-ताज़ा का झोंका बहाना हो गया है
सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ तो बहाना थावगरना थक के कहीं तो ठहर ही जाना था
बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने काहमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का
ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन होलेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है
चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैंबहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं
तलाश एक बहाना था ख़ाक उड़ाने कापता चला कि हमें जुस्तुजू-ए-यार न थी
खिलौनों के लिए बच्चे अभी तक जागते होंगेतुझे ऐ मुफ़्लिसी कोई बहाना ढूँड लेना है
अजीब तजरबा था भीड़ से गुज़रने काउसे बहाना मिला मुझ से बात करने का
शाइ'री झूट सही इश्क़ फ़साना ही सहीज़िंदा रहने के लिए कोई बहाना ही सही
हम को पहले भी न मिलने की शिकायत कब थीअब जो है तर्क-ए-मरासिम का बहाना हम से
दुनिया की रिवायात से बेगाना नहीं हूँछेड़ो न मुझे मैं कोई दीवाना नहीं हूँ
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