aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "تکلیف_تکلف"
ऐ 'ज़ौक़' तकल्लुफ़ में है तकलीफ़ सरासरआराम में है वो जो तकल्लुफ़ नहीं करता
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करतेअब कोई शिकवा हम नहीं करते
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो 'फ़राज़'दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने मेंजो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
थोड़ी तकलीफ़ सही आने मेंदो घड़ी बैठ के उठ जाइएगा
दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुईलेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया
अपनों से भी इतना तकल्लुफ़कितने दुनिया-दार बने हो
ख़ुदा को न तकलीफ़ दे डूबने मेंकिसी नाख़ुदा के सहारे चला चल
ऐ बंदा-परवर इतना लाज़िम है क्या तकल्लुफ़उठिए ग़रीब-ख़ाने चलिए बिला-तकल्लुफ़
ये लम्हा लम्हा तकल्लुफ़ के टूटते रिश्तेन इतने पास मिरे आ कि तू पुराना लगे
सख़्त तकलीफ़ उठाई है तुझे जानने मेंइस लिए अब तुझे आराम से पहचानते हैं
ज़रा इक तबस्सुम की तकलीफ़ करनाकि गुलज़ार में फूल मुरझा रहे हैं
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गयाख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मिरे पास रह गया
बे-तकल्लुफ़ मक़ाम-ए-उल्फ़त हैदाग़ उट्ठे कि आबला बैठे
जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं
हुज़ूर आप तकल्लुफ़ में क्यों पड़े हुए हैंमरे हुओं के जनम-दिन नहीं मनाता कोई
बा'द तकलीफ़ के राहत है यक़ीनी 'वाहिद'रात का आना ही पैग़ाम-ए-सहर होता है
बर तरफ़ कर के तकल्लुफ़ इक तरफ़ हो जाइएमुस्तक़िल मिल जाइए या मुस्तक़िल खो जाइए
बे-तकल्लुफ़ वो औरों से हैंनाज़ उठाने को हम रह गए
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात कीऔर हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए
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