आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "حج"
शेर के संबंधित परिणाम "حج"
शेर
ऐ सालिक इंतिज़ार-ए-हज में क्या तू हक्का-बक्का है
बगूले सा तो कर ले तौफ़ दिल पहलू में मक्का है
वली उज़लत
शेर
लैला चली थी हज के लिए जज़्ब-ए-इश्क़ से
नाक़ा मचल के नज्द की मंज़िल में रह गया
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
और क्या इस से ज़ियादा कोई नर्मी बरतूँ
दिल के ज़ख़्मों को छुआ है तिरे गालों की तरह
जाँ निसार अख़्तर
शेर
माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत
है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने'मत