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शेर
किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में
मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं
अख़्तर सईद ख़ान
शेर
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ
रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ
मिर्ज़ा ग़ालिब
शेर
दुनिया के जो मज़े हैं हरगिज़ वो कम न होंगे
चर्चे यूँही रहेंगे अफ़्सोस हम न होंगे
आग़ा मोहम्मद तक़ी ख़ान तरक़्क़ी
शेर
तुझे किस बात का ग़म है वो इतना पूछ लें मुझ से
वो इतना पूछ लें मुझ से तो फिर किस बात का ग़म है
मुशताक़ हुसैन ख़ान हाशमी मुश्ताक़
शेर
जो वक़्त-ए-ख़त्ना मैं चीख़ा तो नाई ने कहा हँस कर
मुसलमानी में ताक़त ख़ून ही बहने से आती है