आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "سر_لمس_بدن"
शेर के संबंधित परिणाम "سر_لمس_بدن"
शेर
ख़्वाहिशों की आँच में तपते बदन की लज़्ज़तें हैं
और वहशी रात है गुमराहियाँ सर पर उठाए
पी पी श्रीवास्तव रिंद
शेर
ऐ सर्व-ए-गुल-बदन तू ज़रा टुक चमन में आ
ज्यूँ गुल शगुफ़्ता हो के मिरी अंजुमन में आ
अबुल हसन ताना शाह
शेर
ये आँखें ये दिमाग़ ये ज़ख़्मों का घर बदन
सब महव-ए-ख़्वाब हैं दिल-ए-बे-ताब के सिवा