आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "شب_زاد"
शेर के संबंधित परिणाम "شب_زاد"
शेर
ज़ाहिद मसूद
शेर
धनक की तरह निखरता है शब को ख़्वाबों में
वही जो दिन को मिरी चश्म-ए-तर में रहता है
अकबर अली खान अर्शी जादह
शेर
न पाया वक़्त ऐ ज़ाहिद कोई मैं ने इबादत का
शब-ए-हिज्राँ हुई आख़िर तो सुब्ह-ए-इंतिज़ार आई