आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "طبق"
शेर के संबंधित परिणाम "طبق"
शेर
शब तबक़ में आसमाँ के गिर पड़े थे मेरे अश्क
कुछ सवाबित बन गए कुछ उन से सय्यारे हुए
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
सिराज औरंगाबादी
शेर
कच्ची दीवारें सदा-नोशी में कितनी ताक़ थीं
पत्थरों में चीख़ कर देखा तो अंदाज़ा हुआ
जमुना प्रसाद राही
शेर
उड़ाई ख़ाक जिस सहरा में तेरे वास्ते मैं ने
थका-माँदा मिला इन मंज़िलों में आसमाँ मुझ को
नज़्म तबातबाई
शेर
कोई भूली हुई शय ताक़-ए-हर-मंज़र पे रक्खी थी
सितारे छत पे रक्खे थे शिकन बिस्तर पे रक्खी थी
राजेन्द्र मनचंदा बानी
शेर
अदब बख़्शा है ऐसा रब्त-ए-अल्फ़ाज़-ए-मुनासिब ने
दो-ज़ानू है मिरी तब-ए-रसा तरकीब-ए-उर्दू से