aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "قریب"
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी होतुम को देखें कि तुम से बात करें
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब सेचेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब थावो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रहीजिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला
देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई देइक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे
कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता हैकोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से
क़रीब आओ तो शायद समझ में आ जाएकि फ़ासले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं
जब बिगड़ते हैं बात बात पे वोवस्ल के दिन क़रीब होते हैं
मरकज़ पे अपने धूप सिमटती है जिस तरहयूँ रफ़्ता रफ़्ता तेरे क़रीब आ रहा हूँ मैं
मिरे राहबर मुझ को गुमराह कर देसुना है कि मंज़िल क़रीब आ गई है
हज़ार कोस निगाहों से दिल की मंज़िल तककोई क़रीब से देखे तो हम को पहचाने
ज़रा क़रीब से देखूँ तो कोई राज़ खुलेयहाँ तो हर कोई लगता है आदमी जैसा
मुझ से बहुत क़रीब है तू फिर भी ऐ 'मुनीर'पर्दा सा कोई मेरे तिरे दरमियाँ तो है
क़रीब रह कि भी तू मुझ से दूर दूर रहाये और बात कि बरसों से तेरे पास हूँ मैं
मैं तुझ से मिलने समय से पहले पहुँच गया थासो तेरे घर के क़रीब आ कर भटक रहा हूँ
हम रिवायात को पिघला के 'नुशूर'इक नए फ़न के क़रीब आ पहुँचे
दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओयाद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ
बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम सेबहुत अज़ीज़ सही ए'तिबार कुछ भी नहीं
क़रीब है यार रोज़-ए-महशर छुपेगा कुश्तों का क़त्ल क्यूँकरजो चुप रहेगी ज़बान-ए-ख़ंजर लहू पुकारेगा आस्तीं का
उसे पाक नज़रों से चूमना भी इबादतों में शुमार हैकोई फूल लाख क़रीब हो कभी मैं ने उस को छुआ नहीं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books